
- पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी परीक्षा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
- प्रशाशन द्वारा लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल
- प्रदर्शनकारियों की मांगें और प्रशांत किशोर का समर्थन
परिचय
पटना के गांधी मैदान में रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में बिहार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। यह विरोध प्रदर्शन बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) 2024 के कथित प्रश्न पत्र लीक के खिलाफ था।
मुख्य विवरण
प्रदर्शनकारियों ने गांधी मैदान में बिना अनुमति के प्रदर्शन किया, जिसमें जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर भी शामिल हुए। प्रशासन द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने गांधी प्रतिमा के सामने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया, जिससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई। भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछार का सहारा लिया।
प्रशांत किशोर का बयान
प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए, जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर छात्रों के साथ अन्याय होता है, तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे। सरकार के अधिकारी ने हमें आश्वासन दिया है कि छात्रों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। अगर छात्रों की मांगें नहीं मानी गईं, तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।”
छात्रों की मांगें
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि बीपीएससी की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक हुआ था। छात्रों ने इस परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें नहीं लगा था कि सरकार हमारे साथ ऐसा बर्ताव करेगी। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पटना प्रशासन ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया। इसलिए प्रशासन ने उन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।
निष्कर्ष
इस विरोध प्रदर्शन और प्रशासन की प्रतिक्रिया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या छात्रों की मांगें जायज हैं और क्या प्रशासन ने सही तरीके से प्रतिक्रिया दी? यह देखने लायक होगा कि आगे की रणनीति में क्या विकास होता है और सरकार इस मुद्दे को कैसे हल करती है।