
- प्रशांत किशोर ने बीपीएससी परीक्षा विवाद पर छात्रों का समर्थन किया।
- प्रदर्शनकारी छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की।
- प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार और बल प्रयोग किया।
- 600-700 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
परिचय
पटना के गांधी मैदान में रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के परिक्षार्थियों और जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। यह प्रदर्शन 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2024 के विवादित प्रश्नपत्र लीक मामले पर पुनर्परीक्षण की मांग के लिए किया गया।
मुख्य विवरण
बीपीएससी के परिक्षार्थियों और जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान में एकजुट होकर सरकार से प्रश्नपत्र लीक के मामले की जांच और पुनर्परीक्षण की मांग की। प्रदर्शन को प्रशासन ने अवैध घोषित किया था, जिसके बावजूद एक बड़ी भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “अगर छात्रों के साथ अन्याय होता है तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे।”
प्रशासन ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न की। इस कारण पुलिस को पानी की बौछार और बल प्रयोग करना पड़ा। पटना प्रशासन ने एक बयान में कहा, “गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में 600-700 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर भी शामिल हैं।”
प्रशांत किशोर ने कहा, “सरकार के अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे छात्रों की मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं और एक पांच सदस्यीय छात्र समिति मुख्य सचिव से बात करेगी। अगर छात्रों को संतोषजनक निर्णय नहीं मिलता है, तो हम कल सुबह आगे की विरोध प्रदर्शन के बारे में निर्णय लेंगे।”
निष्कर्ष
बीपीएससी के परिक्षार्थियों का यह विरोध प्रदर्शन बिहार में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रशासन और छात्रों के बीच बातचीत की पहल हो चुकी है, लेकिन छात्रों का असंतोष और उनकी मांगों को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया आने वाले समय में महत्वपूर्ण होगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार के युवाओं की समस्याओं को हल करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण और उनकी आवाज़ को सुनने की आवश्यकता है।